वायुमण्डल संयोजन एवं संरचना पर अध्ययन

Authors

  • Rani j

Keywords:

वायुमण्डल, संयोजन

Abstract

पृथ्वी के चारों तरफ वायु के आवरण को वायुमण्डल कहते है। यह वायु का आवरण पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी के चारों ओर कम्बल के रूप में चचपका हुआ है तथा पृथ्वी का एक महत्वपूणष अंग है। पृथ्वी पर जीवन का अंश ऐसी वायुमंडल की वजह से सम्भव है। जीववत रहने हेतु वायु सभी जीवों के ललए महत्वपूणष है। वायुमण्डल का 99 प्रततशत भाग भू पृष्ठ से 32 ककलोमीटर की ऊचाई तक सीलमत है।

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Published

2022-12-30

How to Cite

Rani, J. (2022). वायुमण्डल संयोजन एवं संरचना पर अध्ययन. Universal Research Reports, 9(4), 121–125. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1021

Issue

Section

Original Research Article