तुलसीदासजी की राजनीतिक परिस्थ्तिियों पर विश्लेषणात्मक अध्ययन
Keywords:
प्रशासन, विकास और समूहAbstract
राज्य उस विशेष भू-भाग का नाम है, जहाँ एक ही शासन तंत्र के अन्तर्गत वहां के निवासियों के जीवन की सुरक्षा तथा प्रशासन की व्यवस्था होती है और इस भू-भाग के पास-पड़ोस के अथवा दूरस्थ राज्यों के साथ संबंध निर्धारित होता है। इस तरह राज्य एक ऐसी प्रभुसत्ता सम्पन्न इकाई है, जिसके अन्तर्गत भू-भाग, शासन वर्ग, जनसमाज और उसके आर्थिक एवं सामाजिक प्रयास सभी आ जाते हैं। मानव समाज के आदि काल में राज्यों की सत्ता नहीं थी, उस काल में मानवों के समूह तो थे, किन्तु उनका संगठित समाज नहीं था। ये मानव समूह बर्बरावस्था में कबीलों के रूप में रहते थे, गुफाओं में निवास करते थे और शिकार और अन्न संचय द्वारा जीवन यापन करते थे। कालान्तर में जब पशुपालन एवं कृषि युग का प्रारंभ हुआ तो ये कबीले झोपड़ियाँ बनाकर रहने लगे और अन्य कबीलों के साथ उनका संबंध भी स्थापित हुआ। इस प्रकार परिवार, ग्राम और कुलों का विकास हुआ। किसी विशेष भू-भाग में जहाँ एक ही कुल से संबंधित लोग निवास करते थे और एक ही भाषा बोलते तथा एक प्रकार की रीति-रिवाजों एवं वेषभूषा को अपनाकर चलते थे, रहने वाले लोगों का समूह ही समाज कहलाया।
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