राव तुलाराम का 1857 की क्रांति के बाद का जीवन: एक अध्ययन
Keywords:
राव तुलाराम सेनाAbstract
राव तुलाराम सेना की नसीबपुर युद्व में हार के बाद उनका जीवन बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा। उन्हे उम्मीद थी कि वे बहुत जल्दी दोबारा एक मजबूत सेना बनाकर अंग्रेजों को भारत से भागने के लिए प्रयाश करेगें। इसके लिए उन्होने आस पास रियासतों सहित अन्य देशों से भी मदद मांगी लेकिन वह अपने अधूरे सपनों के साथ ही दुनिया से अलविदा हो गए।
References
यादव इतिहास, स्वामी सुधानन्द योगी, , पटौदी, हरियाणा, 1989, पेज न0 338
फाईल आर/180, पंजाब राज्य अभिलेखागार, पेज न0 49
के नायक, पूर्वोद्वत ,पेज न0 43
आभीर कुलदीपीका, राव मान सिंह, दिल्ली, 1900, पेज न0 136
वही
के नायक, पूर्वोद्वत ,पेज न0 43
आभीर कुलदीपीका, पूर्वोद्वत, पेज न0 136
Downloads
Published
2023-06-30
How to Cite
Dutt, R. (2023). राव तुलाराम का 1857 की क्रांति के बाद का जीवन: एक अध्ययन. Universal Research Reports, 10(2), 147–152. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1105
Issue
Section
Original Research Article