गोविन्द मिश्र के उपन्यासों में समाज एवं संस्कृति का स्वरूप

Authors

  • सोनिया सांगवान
  • डॉ कविता चौधरी

Keywords:

शिक्षा, समाज

Abstract

गोविन्द मिश्र हिंदी के श्रेष्ठतम कथाकारों में से एक हैं। उन्होंने अब तक बारह उपन्यास, बारह कहानी संग्रह एवं यात्रावृत्तांत, निबंध एवं कविताओं का लेखन कार्य किया है। उनके महत्त्वपूर्ण उपन्यासों में वह अपना चेहरा, धूल पौधों पर, लाल पीली जमीन, पांच आंगनों वाला घर, तुम्हारी रोशनी में, फूल इमारतें और बंदर, धीर समीर, कोहरे में कैद रंग आदि हैं। भोपाल में रहकर वे अनवरत हिंदी साहित्य की सेवा में संलग्न हैं। गोविन्द मिश्र हिंदी के चर्चित कथाकार माने जाते हैं, आपको साहित्य अकादमी एवं सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया है। उनके उपन्यासों में शिक्षा व्यवस्था के वर्तमान स्वरूप की आलोचना की गयी है।

References

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पाँच आँगनों वाला घरः गोविन्द मिश्र, राधाकृष्ण प्रकाशन- नई दिल्ली, दूसरा संस्करण 2008 पृष्ठ संख्या 7

पाँच आंगनों वाला घरः गोविन्द मिश्र, पृष्ठ संख्या 21

कोहरे में कैद रंगः गोविन्द मिश्र, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन नई दिल्ली, प्रथम संस्करण 2004, पृष्ठ संख्या 28

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पाँच आँगनों वाला घरः गोविन्द मिश्र, पृष्ठ संख्या-51

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कोहरे में कैद रंगः गोविन्द मिश्र, पृष्ठ संख्या 27

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Published

2023-03-31

How to Cite

सोनिया सांगवान, & डॉ कविता चौधरी. (2023). गोविन्द मिश्र के उपन्यासों में समाज एवं संस्कृति का स्वरूप. Universal Research Reports, 10(1), 211+217. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1184

Issue

Section

Original Research Article