सर छोटूराम और उनके आर्थिक सुधार
Keywords:
कृषि, सर छोटू रामAbstract
भारत कृषि प्रधान देश से विख्यात है। कृषि भारतीय समाज की रीढ़ की हड्डी के समान है। कृषक एवं मजदूर वर्ग को पहचान दिलाने तथा इसमें जागरूकता पैदा करने में दीनबन्धु सर छोटू राम का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। ग्रामीण समाज के हितों के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने इस समाज के लिए एक प्रारूप प्रदान किया। उन्होंने कृषक और कामगार वर्ग को सम्मान दिया तथा कमजोर वर्ग को साहूकारों के चंगुल और कर्जे से मुक्त कराया। समाज के कमजोर वर्ग पर किए जाने वाले प्रत्येक अन्याय के विरूद्ध इन्होंने अथक-योद्धा की भूमिका का निर्वाह किया। वे किसी से डरे नहीं अपितु सर्वप्रिय बनकर खेतीहर एवं मजदूर की हित प्राप्ति की लडाई में प्रथम प्रकाश स्तम्भ बनें।
References
Bhargave, Dayanand : Jaiva Ethics, Delhi 1968.
Bool Chand : Lord Mahavira, Banaras 1948.
Gopal, S. : Outlines of Jainism, New Delhi, 1973
Jacobi H, Studies in Jainism, Ahmedabad 1946.
Jain, Jyoti Prasad : Jainism : The Oldest living religion, Banaras, 1951.
Jain, Jyoti Prasad : Religion and Culture of the Jains, New Delhi, 1977.
Mehata M.L. Jaina Culture, Varanasi, 1969.
Winternitz M. : The Jaines in the History of Indian Literature, Ahmedabad, 1946.