लोकगीतों में संगीत विधन
Keywords:
लोकगीतों, संगीत, संकीर्ण, जंगली जाति की परम्पराAbstract
‘लोक’ शब्द के अर्थ पर प्रारभ्य में काफी विचार किया गया है। यह निस्संदेह अँग्रेजी के ’ थ्वसा ’ शब्द का पर्यायवाची है। अँग्रेजी में ‘पफोक’ का अर्थ है- लोक,जाति, राष्ट्र या वर्ग-विशेष। सभ्य राष्ट्रों में बसने वाली असभ्य, आदिम तथा जंगली जाति की परम्परा, रीति तथा अन्ध्विश्वास के लिए ‘पफोकलोर’ शब्द का प्रयोग किया। ; उस समय की आदिम जातियों के गान तथा नृत्य के लिए श्थ्वसा. डनेपबश् तथा श्थ्वसा.क्ंदबमश् शब्द का प्रयोग होने लगा। यही अँग्रेजी का श्थ्वसा श् शब्द जर्मन भाषा में श्टवसोसपमकश् शब्द के अर्थ में प्रयुत्त होता जाना पड़ता है। परन्तु कुछ विद्वान इस शब्द को लोकगीत के अर्थ में ग्रहण करने में संकोच करने लगे वे इसे अप्रिय एवं संकीर्ण अर्थ का द्योतक मानते है।
References
आज कल - नम्बर 957
हिन्दी साहित्य सम्मेलन पत्रिका-लोकसंस्कृति अंक -पृ० 250- 52 ;सं० 2(0द्ध 4१. राजस्थान के लोकगीत ;पूर्वा॑द्ध प्रस्ताव -पृ0 १-2
कविता कौमुदी-भाग 5-प्रस्ताव -पृ0 ।-2
काव्य के रूप -पृ0 क23
लोकायन - पृ0 १
जीवन के तत्व और काव्य सिन्त - पृ 25
छत्तीसगढ़ी लोकगीतों का परिचय- भूमिका - पृ० 5
हाडौती लोकगीत - चन्द्रशेखर भट्ट-प्राककथन लेखक-डा0 सत्येन्द्र ।
लोकगीत ओर संगीत-परम्परा ;जोप्पुरद्ध
मैथिली लोकसाहित्य का अध्ययन ... ;पृ० 46 20. नवमारती- ;श्री गंगानगरद्ध वर्ष 6 अंक पृ0 56