सन्त शिरोमणि श्री गुरूनानक देव की भक्ति भावना

Authors

  • बीरेन्द्र सिंह वी. वी. बी. आई. एस एण्ड आई एस साधु आश्रम होशियारपुर।

Keywords:

साक्षात्कार, सन्त आचारवान

Abstract

संत शब्द 'सह' का पर्यायवाची है। सत्य को पूर्ण तरह अपनाकर उसी के अनुसार अपने जीवन का निर्माण करने वाला मनुष्य 'सन्त' कहलाता है। संत और भक्त में इतना ही अन्तर है कि भक्त भाव प्रवण रामोपासक है तथा सन्त आचारवान, विचारशील समाजसेवी व्यक्ति है। 'संत' को जहां एक तरफ धार्मिक व्यक्ति माना जाता है वहीं दूसरी तरफ ऐसा साधक, जिसने ईश्वर का साक्षात्कार कर लिया है तथा तीसरी तरफ एक उपदेशक भी है जिसका उपदेश सम्पूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी भी हो |

References

NA

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Published

2017-09-30

How to Cite

सिंह ब. (2017). सन्त शिरोमणि श्री गुरूनानक देव की भक्ति भावना. Universal Research Reports, 4(4), 40–42. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/153

Issue

Section

Original Research Article