सन्त शिरोमणि श्री गुरूनानक देव की भक्ति भावना
Keywords:
साक्षात्कार, सन्त आचारवानAbstract
संत शब्द 'सह' का पर्यायवाची है। सत्य को पूर्ण तरह अपनाकर उसी के अनुसार अपने जीवन का निर्माण करने वाला मनुष्य 'सन्त' कहलाता है। संत और भक्त में इतना ही अन्तर है कि भक्त भाव प्रवण रामोपासक है तथा सन्त आचारवान, विचारशील समाजसेवी व्यक्ति है। 'संत' को जहां एक तरफ धार्मिक व्यक्ति माना जाता है वहीं दूसरी तरफ ऐसा साधक, जिसने ईश्वर का साक्षात्कार कर लिया है तथा तीसरी तरफ एक उपदेशक भी है जिसका उपदेश सम्पूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी भी हो |
References
NA
Downloads
Published
2017-09-30
How to Cite
सिंह ब. (2017). सन्त शिरोमणि श्री गुरूनानक देव की भक्ति भावना. Universal Research Reports, 4(4), 40–42. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/153
Issue
Section
Original Research Article