विद्यालयी वातावरण में छात्रों के समायोजन पर आत्म-प्रेरणा एवं आत्म-संकल्पना के प्रभाव पर अध्ययन

Authors

  • Padma kumari padma.vishnupuri@gmail.com

Keywords:

विद्यालयी वातावरण, छात्रों का समायोजन, आत्म-प्रेरणा, आत्म-संकल्पना, शैक्षिक सफलता, सामाजिक अनुकूलन, मनोवैज्ञानिक कारक इत्यादि।

Abstract

यह अध्ययन विद्यालयी वातावरण में छात्रों के समायोजन पर आत्म-प्रेरणा और आत्म-संकल्पना के प्रभाव को स्पष्ट करने के उद्देश्य से किया गया है। विद्यालयी जीवन में समायोजन केवल शैक्षिक उपलब्धि तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें सामाजिक संबंध, भावनात्मक संतुलन, अनुशासन पालन, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी भी सम्मिलित होती है। आत्म-प्रेरणा, जो आंतरिक रूप से व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की ओर प्रयासरत रखती है, छात्रों को चुनौतियों का सामना करने, नई परिस्थितियों में ढलने और सतत् प्रगति के लिए प्रेरित करती है। वहीं, आत्म-संकल्पना, जो व्यक्ति की अपने प्रति धारणा और आत्म-छवि को दर्शाती है, छात्रों के आत्मविश्वास, सामाजिक सहभागिता, और समस्या-समाधान क्षमता को प्रभावित करती है। उच्च आत्म-प्रेरणा और सकारात्मक आत्म-संकल्पना वाले छात्र विद्यालयी नियमों, शिक्षण-पद्धति, और सहपाठियों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करते हैं, जिससे उनका शैक्षिक एवं सामाजिक प्रदर्शन सुदृढ़ होता है। शोध से प्राप्त निष्कर्ष संकेत करते हैं कि इन दोनों मनोवैज्ञानिक कारकों का विकास, शिक्षक-छात्र संबंधों की गुणवत्ता, मार्गदर्शन सेवाओं, और प्रेरणादायी शिक्षण वातावरण के माध्यम से किया जा सकता है, जो अंततः विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व निर्माण और शैक्षिक सफलता में योगदान देता है।

References

बर्न्स, आर. बी. (1993). आत्म-संकल्पना: सिद्धांत, मापन, विकास और व्यवहार. लांगमैन प्रकाशन।

डेसि, ई. एल., एवं रायन, आर. एम. (1985). मानव व्यवहार में आंतरिक प्रेरणा और स्व-निर्धारण. स्प्रिंगर साइंस एंड बिजनेस मीडिया।

गुड, सी. वी. (1973). शिक्षा शब्दकोश (तृतीय संस्करण). मैकग्रा-हिल प्रकाशन।

मार्श, एच. डब्ल्यू., एवं मार्टिन, ए. जे. (2011). शैक्षिक आत्म-संकल्पना और शैक्षिक उपलब्धि: संबंध और कारणिक क्रम। ब्रिटिश जर्नल ऑफ एजुकेशनल साइकोलॉजी, 81(1), 59–77. https://doi.org/10.1348/000709910X503501

मिश्रा, एस. (2016). विद्यालयी छात्रों के शैक्षिक समायोजन में आत्म-संकल्पना की भूमिका। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस, 4(4), 1–5।

अग्रवाल, जे. सी. (1999). एजुकेशन इन एमर्जिंग इंडिया. दोआबा हाउस, दिल्ली।

अग्रवाल, जे. सी. (2003). टीचर एंड एजुकेशन इन ए डेवलपिंग सोसाइटी. विकास पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली।

अग्रवाल, जे. सी. (2000). लैंडमार्क्स इन द हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडियन एजुकेशन. विकास पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली।

अग्रवाल, अर्चना (2001). स्टडी ऑफ नॉन-फॉर्मल एजुकेशन अमंग गर्ल्स एट प्राइमरी लेवल।

अहमद, मंज़ूर, कोलटे, कोलते, अशरफ शौकत एवं रॉबिन पांडे (1993). प्राइमरी एजुकेशन फ्रॉम आल: लर्निंग फ्रॉम द बी.आर.सी. एक्सपीरियंस, ए केस स्टडी प्रोजेक्ट. यूनेस्को (एशियन बेसिक एजुकेशन एंड लिटरेसी), बैंकॉक।

Downloads

Published

2025-06-28

How to Cite

Padma kumari. (2025). विद्यालयी वातावरण में छात्रों के समायोजन पर आत्म-प्रेरणा एवं आत्म-संकल्पना के प्रभाव पर अध्ययन . Universal Research Reports, 12(2), 214–219. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/1582

Issue

Section

Original Research Article