विद्यालयी वातावरण में छात्रों के समायोजन पर आत्म-प्रेरणा एवं आत्म-संकल्पना के प्रभाव पर अध्ययन
Keywords:
विद्यालयी वातावरण, छात्रों का समायोजन, आत्म-प्रेरणा, आत्म-संकल्पना, शैक्षिक सफलता, सामाजिक अनुकूलन, मनोवैज्ञानिक कारक इत्यादि।Abstract
यह अध्ययन विद्यालयी वातावरण में छात्रों के समायोजन पर आत्म-प्रेरणा और आत्म-संकल्पना के प्रभाव को स्पष्ट करने के उद्देश्य से किया गया है। विद्यालयी जीवन में समायोजन केवल शैक्षिक उपलब्धि तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें सामाजिक संबंध, भावनात्मक संतुलन, अनुशासन पालन, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी भी सम्मिलित होती है। आत्म-प्रेरणा, जो आंतरिक रूप से व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की ओर प्रयासरत रखती है, छात्रों को चुनौतियों का सामना करने, नई परिस्थितियों में ढलने और सतत् प्रगति के लिए प्रेरित करती है। वहीं, आत्म-संकल्पना, जो व्यक्ति की अपने प्रति धारणा और आत्म-छवि को दर्शाती है, छात्रों के आत्मविश्वास, सामाजिक सहभागिता, और समस्या-समाधान क्षमता को प्रभावित करती है। उच्च आत्म-प्रेरणा और सकारात्मक आत्म-संकल्पना वाले छात्र विद्यालयी नियमों, शिक्षण-पद्धति, और सहपाठियों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करते हैं, जिससे उनका शैक्षिक एवं सामाजिक प्रदर्शन सुदृढ़ होता है। शोध से प्राप्त निष्कर्ष संकेत करते हैं कि इन दोनों मनोवैज्ञानिक कारकों का विकास, शिक्षक-छात्र संबंधों की गुणवत्ता, मार्गदर्शन सेवाओं, और प्रेरणादायी शिक्षण वातावरण के माध्यम से किया जा सकता है, जो अंततः विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व निर्माण और शैक्षिक सफलता में योगदान देता है।
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