मानव जीवन मे कर्मयोग योग की उपयोगिता

Authors

  • Sunil M.A. Yoga,

Keywords:

कमम, कमम की उत्पगत

Abstract

कममयोग की साधना से साधक के अंदर आत्मज्ञान प्राप्त करने के गिए अर्हता आती है , वेदान्त के अध्ययन के गिए वर् अगधकारी बनता र्ै, अज्ञानी िोग कममयोग रूपी प्राथगमक गसध्दांत प्राप्त ककये गबना र्ी एकदम ज्ञानयोग मे पहुँच जाना चर्ाते र्ै | इसगिए वे सत्य का साक्षातकार करने मे असफि र्ोते र्ै | गचत मे राग द्वेष असूया आकद द्वेष भरे रर्ते र्ै | ये ब्रम्र्ा की बात करेंगे व्यथम वाद-गववाद मे उिझेगें शुष्क तकम और अनन्त चचाम करेंगे | सारा दशमन उनकी गजव्र्ा पर र्ी रर्ता र्ै | दुसरे शब्दों मे शागब्दक वेदांती र्ै | िेककन आवश्कता र्ै व्यवार्ाररक की जो सत्तत गनस्वाथम सेवा से गनकिता र्ै |

References

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Published

2017-12-30

How to Cite

Sunil. (2017). मानव जीवन मे कर्मयोग योग की उपयोगिता . Universal Research Reports, 4(8), 100–102. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/259

Issue

Section

Original Research Article