प्राचीन भारत में ज्यामिति एवं प्रमेय शिक्षा (1500 ई॰ पू॰ से 600 ई॰ पू॰)

Authors

  • बजरंग लाल प्रवक्ता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टिटौली, रोहतक

Keywords:

क्षेत्रफल, शुल्ब सूत्र

Abstract

इस आलेख के माध्यम से शोधार्थी द्वारा ज्यामिति एवं प्रमेय की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। लेखक ने 1500 ई.पू. से 600 ई. पू. तक के प्रमाणों का अध्ययन करके आलेख के माध्यम से सटीक ढंग से समझाने का प्रयास किया है जिसमें वह पूर्णतया सफल रहे है। ज्यामिति एवं प्रमेय की शिक्षा के बारे में संक्षेप में लिखकर ज्यादा समझाना शोधार्थी के गहन अध्ययन का नतीजा है। उनका यह छोटा सा आलेख गागर में सागर के समान है।

References

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Published

2017-12-30

How to Cite

लाल ब. (2017). प्राचीन भारत में ज्यामिति एवं प्रमेय शिक्षा (1500 ई॰ पू॰ से 600 ई॰ पू॰). Universal Research Reports, 4(10), 1–5. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/299

Issue

Section

Original Research Article