हिन्दी साहित्य लेखन में इतिहास का महत्व
Keywords:
वैज्ञानिक अध्ययन, इतिहासAbstract
हिन्दी साहित्य का निर्माण तो बहुत समय से चला आ रहा था किन्तु उसके वैज्ञानिक अध्ययन और सामग्री के संकलन प्रयास आरम्भ हुए अभी लगभग सौ वर्ष हुए है। प्राचीन काल के कवियों ने अपने सम्बन्ध में कुछ कहा है अथवा अपने परवर्ती व समकालीन कवियों का उल्लेख किया है। किन्तु यह कार्य एक तो स्फुट रूप से हुआ दुसरे उनसें साहित्य की प्रगति और प्रवृतियों का परिचय प्राप्त नहीं होता। अतः साहित्य का इतिहास लिखते समय उन से सहायता अवश्य मिलती हैं। किन्तु स्वंय अपने में वे इतिहास नहीं है। इतिहास लिखने का प्रयास तो ईसा की उन्नीसवीं शताब्दी के लगभग मध्यम से प्रारम्भ होता है। उस समय भी कवि और कवि कृतियों की सूचना ही अधिक मिलती है। साहित्य का इतिहास अपने व्यापक रूप में प्रत्येक परिवर्तन किया का विवरण है। उसी के अध्ययन करने का नाम साहित्य के इतिहास का वैज्ञानिक अध्ययन है।
References
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राजनाथ षर्मा:- ‘‘हिन्दी-साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास‘‘, विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा
डाॅ. नगेन्द्र:- ‘‘हिन्दी-साहित्य का इतिहास‘‘ (संपादक), नेषनल पब्लिषिंग हाउस, 2/35 अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली - 110002
डाॅ. रामगोपाल षर्मा ‘दिनेष’ (1995):- ‘‘हिन्दी-साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास‘‘, प्रथम संस्करण, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, ए-26/2, विद्यालय मार्ग, तिलक नगर, जयपुर