हिन्दी: स्थिति एवं गत्रि
Keywords:
राष्ट्रभाषा, राजभाषा, संवैधानिक अर्थ, डाॅ॰ धीरेन्द्र वर्माAbstract
हिन्दी शब्द का प्रयोग हम सामान्य एवं संवैधानिक अर्थ में क्रमशः राष्ट्रभाषा एवं राजभाषा के रूप में करते हैं वह शब्द भाषा के अर्थ में अपेक्षाकृत नया है। यद्यपि हिन्दी शब्द काफी पुराना है और हिन्द से बना है। प्रयोग तथा रूप की दृष्टि से ‘हिन्दी’ शब्द भाषा या खड़ी बोली का शब्द न होकर फारसी का है। डाॅ॰ धीरेन्द्र वर्मा के मतानुसार संस्कृत की ‘स’ ध्वनि का उच्चारण फारसी में ‘ह’ हो जाता है। इसी आधार पर कुछ विद्वान ‘हिन्दी’ शब्द को ‘सिन्धी’ का रूपान्तर मानते हैं। हिन्द की भाषा के अर्थ में ‘हिन्दवी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग मुहम्मद आओफी ने 13वीं शती में किया। 13-14वीं शती में अमीर खुसरो ने भी अपने ग्रन्थ ‘खालिक वारी’ में इसी शब्द का प्रयोग अनेक स्थानों पर किया है व हिन्दुस्तानी शब्द मूलतः विशेषण है। सन् 1715 में डच पादरी जे॰ केटलीर द्वारा लिखित हिन्दी व्याकरण तथा सन् 1800 में फोर्ट विलियम काॅलेज के जाॅन गिलक्राइस्ट ने इस शब्द का प्रयोग किया।
References
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हिन्दी विविध आयाम: डाॅ॰ विजय राघव रेड्डी, डाॅ॰ शकुन्तला रेड्डी,
अकादमिक प्रतिभा 42, एकता अपार्टमेंट, गीता कालोनी, दिल्ली - 110031