पुष्पा सक्सेना की कहानियां - कथ्य एवं भाषा
Keywords:
समाज, सांस्कृतिकAbstract
भारत के इलाहाबाद शहर में जन्मी एवं पली बढ़ी पुष्पा सक्सेना का हिन्दी कहानी साहित्य में महत्वपूर्ण नाम हैै। इलाहाबाद में पली बढ़ी पुष्पा सक्सेना लम्बे समय से अमेरिका में रह रही है, और अमेरिका में रह रहे भारतीयों के जीवन पर आधारित लेखन में रत है। ‘‘पुष्पा सक्सेना ने लगभग 25 कहानियों की रचना की है जिसमें जीवन प्रसंग एवं सामाजिकता का अनूठा मिश्रण है‘‘। समाज वर्णन साहित्य का आधार कथ्य होता है। साहित्यकार समाज में रहते हुए प्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष से अलग अपनी अभिव्यक्ति को लेखनी का आधार बनाता है। इसके महत्वपूर्ण विषय अपने समाज से जुड़े हुए समाज के सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक मुद्दों से सम्बन्धित होते हैं। ‘‘लेखिका पुष्पा सक्सेना प्रवासी भारतीय लेखिका है। उन्होंने अपने आस-पास के भारतीय जीवन मूल्यों और अमेरिका जीवन मूल्यों की टकराहट कोे विषेष कथ्य के रुप में अपनाया है‘‘। ये कहानियां भारत के ऐेसे षिक्षित समाज की कहानियां है, जो उच्च षिक्षा व बेहतर कैरियर और बेहतर जीवन के लिए भारत में पैदा होने पर प्रवासी भारतीय बनने की ललक रखता है। प्रवास शब्द ‘वास‘ धातु में प्र लगाने से बना है।
References
कमल किषोर गोयनका, पुष्पा सक्सेना की संकलित कहानियां, भमिका सेवही
गोपाल सक्सेना, हिन्दी कहानी का इतिहास पृ0 63
कमल किषोर गोयनका, पुष्पा सक्सेना की संकलित कहानियां भूमिका से वही
वही
वही
गोपाल चर्तुवेदी, हिन्दी कहानी की संवेदना पृष्ठ 168
परषुराम चर्तुवेदी, हिन्दी कहानी का विकास