आधुनिक इतिहास में 1857 की क्रांति के विभिन्न कारणों पर एक विवेचना
Keywords:
ककसाि, इनिहासकारोंAbstract
1857 के सांघर्ष को लेकर इनिहासकारों के निचार एक समाि िहीं हैं। कुछ निद्वािों का यह माििा है कक महीिों का यह उिार ककसाि निद्रोह था िो कुछ इस महाि घटिा को सैन्य निद्रोह माििे हैं। िी.डी. सािरकर की पुस्िक “द इांनडयि िॉर ऑफ़ इांनडपेंडेंस” (1909 में प्रकानिि) में इसे प्रथम स्ििांत्रिा सांग्राम मािा गया था। 20िीं सदी के िुरुआिी दौर के इनिहास लेखि (राष्ट्रिादी इनिहासकार) में इसे िीर स्ििांत्रिा सेिानियों का सांघर्ष कदखाया गया है जो ग़दर के रूप में िर्णषि िी है। मांगल पाांडे के द्वारा कलकत्ता के निकट बैरकपुर छाििी में ककए गए निद्रोह को एक महत्िपूणष घटिा मािा गया है जो स्ििन्त्रिा की प्रथम लडाई में पररिर्िषि हो गया। ईस्ट इांनडया कम्पिी िारि में अपिे आर्थषक और राजिीनिक नहिों को आगे बढािे के नलए सैन्य साजोसामाि के महत्ि को अच्छी िरह समझिी थी। िारि में आयुध निमाषण करिे िाले कारखािों की स्थापिा सीधे नििािी राज से जुडा है। सि 1775 ई में ईस्ट इांनडया कम्पिी िे कोलकािा के फोटष निनलयम में आयुध बोडष स्थानपि करिे को स्िीकृनि दे दी। इसी के साथ िारि में सैन्य आयुध के निकास का औपचाररक युग आरम्ि हुआ और यहीं से िारि में औद्योनगक क्ाांनि का िी आरम्ि हुआ।
References
आप्टे, िामि नििराम, (1969), सांस्कृि सहांदी कोि: कदल् ली, मोिीलाल बिारसीदास
एपादोराय, ए. (1992) इनण्डयि पॉनलरटकल नथकसष: िई कदल् ली, खामा पनब्लिसष
एबन्सरटि, निनलयम, (1977) ग्रेट पॉनलरटकल नथकसष: िई कदल् ली, ऑक्सफोडष एण्ड आई.बी. एच. पनब्लसिांग कम्पिी
ओझा नप्रयदिी, (2010) पनिमी- िारि में जल प्रबांधि: कदल् ली, सुिद्रा पनब्लिसष एण्ड नडस्रीब्यूटसष
ओझा, गौरीिांकर हीराचन्द (2004), उदयपुर राज्य का इनिहास, िाग-1: जोधपुर, राजस्थाि ग्रन्थागार
काांगले, आर.पी. (1988), कद कौरटल्य अथषिास्त्र (िृिीय खण्ड): िई कदल् ली, मोिीलाल बिारसीदास
काणे पी. िी. (अिुिादक-अजुषि चौबे कश्यप) (1980) धमषिास्त्र का इनिहास : लखिउ, उत्तर प्रदेि नहन्दी सांस्थाि
काणे, पी.िी. (1988), नहस्री ऑफ धमषिास्त्र: पूिा, िण्डारकर ऑररयेन्टल ररसचष इन्स्टीट्यूट
कािोि, स्टेि (1975) कौरटल्य स्टडीज: कदल् ली, ऑररयन्टल पनब्लिसष एण्ड नडस्रीब्यूटसष