भारतीय सभ्यता में नारी का महत्व
Keywords:
नारी का महत्व, पशिा और नारीAbstract
भारत में ही नहीं अपितु सांसार की पिपभन्न सांस्कृपतयों के पनमााण में नारी का योगदान अपत महत्ििूणा रहा है तथा युगों से ही ककसी भी राष्ट्र की सांस्कृपत का मुख्य मािदांड भी नारी की पस्थपत ही रही है। यही कारण है कक नारी की पस्थपत में होने िाले िररितान प्रत्येक युग के सामापिक च ांतकों के पलए च ांतन के पिषय रहे हैं। सत्य ही कहा गया है कक नारी पशपित है तो िह अिनी सांतान को अच्छी पशिा देकर एक योग्य एिां सांिन्न व्यपि बना सकती है। यकद नारी ही सांकीणा भािना से ग्रस्त रहे तो िह अिनी सांतान को कैसे िररिार एिां राष्ट्र के पलए स ेत कर सकती है। सामापिक िरांिराओं में िररितान के साथ-साथ नारी की पस्थपत में भी िररितान हुए हैं। इसीपलए प्रत्येक युग के व्यिस्थाकारों च ांतकों एिां सापहत्यकारों के समि नारी की पस्थपत के पिषय में मन िैिरीत्य िाया िाना स्िभापिक है।
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