वेद में कृषि का स्वरूप

Authors

  • शर्मा

Keywords:

मधुमान्नो, कृषिश्चमे, द्रविणोदा

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्र में वेद में कृषि के स्वरूप पर विवेचन किया गया है। शोध पत्र के माध्यम से यह बताया गया है कि कृषि करने की परम्परा वैदिक काल से ही चली आ रही है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद व अथर्ववेद में कृषि से संबंधित अनेक मन्त्र देखने को मिलते हैं। जिसमें कृषि व कृषि करने वाले किसान को अत्यन्त सम्मान की दृष्टि से देखा गया है।

References

वामन शिवराम आप्टे, शब्दकोष पृ0-299

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ऋग्वेद- 8/22/6

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अथर्ववेद- 3/17/3

ऋग्वेद- 10/101/3

ऋग्वेद- 8/78/10, 10/101/3

ऋग्वेद- 10/48/7

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यजुर्वेद- 18/9

ऋग्वेद- 1/96/11

ऋग्वेद- 1/96/8

ऋग्वेद- 1/161/2

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Published

2018-03-30

How to Cite

शर्मा ह. (2018). वेद में कृषि का स्वरूप. Universal Research Reports, 5(2), 39–42. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/587

Issue

Section

Original Research Article