ग्रामीण समाज और संचार के बदलते आयाम
Keywords:
आयाम, भािर्ीय ग्रामीणAbstract
सामान्य रूप से ग्रामीण परििर्िन को आधुननकीकिण, ग्रामीण विकास, आर्थिक संिचना में परििर्िन, औि कृवि क्षेत्र से अथिव्यिस्था के गैि-कृवि क्षेत्रों में जनसंख्या के प्रिास के रूप में अिधािणाबद्ध ककया गया है। ग्रामीण परििर्िन के अध्ययन के ललए विलभन्न सैद्धांनर्क दृष्टिकोण (एक आयामी औि बहुआयामी) लागू ककए गए हैं, औि इन दृष्टिकोणों में ग्रामीण परििर्िन / परििर्िन की प्रकृनर् औि परिमाण की जांच किने के ललए विलभन्न संकेर्क शालमल हैं। ग्रामीण परििर्िन के अध्ययन के ललए ग्रामीण विकास के दृष्टिकोण की इस आधाि पि आलोचना की गई है कक ग्रामीण परििर्िन में हमेशा विकास शालमल नह ं होर्ा है। यह लेख भािर्ीय अनुभि की जांच किर्ा है औि र्कि देर्ा है कक भािर् के ग्रामीण परििर्िन में कृवि क्षेत्र से गैि-कृवि क्षेत्रों में प्रिास औि भािर्ीय अथिव्यिस्था का गैि-कृविकिण शालमल है।
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