टेलीविजन के कार्यक्रमों का ग्रामीण महिलाओं पर प्रभाव
Keywords:
टेलीविजन, चैनल, विज्ञापनAbstract
संचार और सूचना क्रांति के दौर में टेलीविजन की लोकप्रियता में भी वृद्धि हो रही है। समय के अभाव में यदि किसी कार्यक्रम को नियत समय पर ग्रामीण महिलाएं नहीं देख पाती हैं तो स्मार्ट फोन के माध्यम से व यू-ट्यूब का प्रयोग कर अपने मनपसन्द कार्यक्रम को वे अपने समयानुसार देख रहीं हैं। सूचना तकनीकी ने गाॅवों को भी सूचना सम्पन्न कर दिया है। सरकारी स्तर पर भी विभिन्न प्रकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित किया गया है। उज्ज्वला योजना, वर्किंग वूमेन हाॅस्टल योजना, स्वाधार गृह योजना, नारी शक्ति पुरूस्कार, निर्भया, महिला ई-हाॅट, आंगबाड़ी सेवा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषण अभियान, किशोरी शक्ति योजना, धनलक्ष्मी योजना जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाए महिलाओं के विकास के लिये सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रहीे हैं। यद्यपि केन्द्र और राज्य सरकारें महिलाओं के विकास के लिये निरन्तर प्रयत्नशील हैं, और इसके लिये अनेक प्रकार की योजनाएं भी संचालित की जा रहीं हैं परन्तु इन कार्यक्रमों, अभियान तथा योजनाओं से लाभार्थियों को अवगत कराने का महत्वपूर्ण कार्य जनमाध्यमों ने ही किया है। टेलीविजन के ऐसे कार्यक्रम जो कि विकास संचार से प्रेरित होते हैं तथा महिलाओं के विकास को प्रोत्साहित करते हैं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं विभिन्न प्रकार की योजनाओं से अवगत होती हैं। ऐसे सूचनाप्रद कार्यक्रम व जनहित में जारी विज्ञापन जो कि मनोरंजक होने के साथ लोगों को सूचित और शिक्षित करते हैं के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं तथा उनमें जागरूकता भी उत्पन्न होती है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की जानकारी हो अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मिलने वाली सुविधाएं हों इन सबके विषय में जनहित में जारी विज्ञापन ग्रामीण महिलाओं में चेतना का संचार करने का कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं को लघु एवं कुटीर उद्योग एवं अन्य प्रकार के उपक्रम स्थापित करने के विषय में विस्तृत जानकारी भी टेलीविजन से प्रसारित होने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा प्राप्त होती है।
References
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