बोद्धधर्म का वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव एवं सार्थकता

Authors

  • कुमार

Keywords:

बौद्धधर्म के शैक्षिक विचार, जन शिक्षा आधुनिक शिक्षा प्रणाली।

Abstract

बौद्धधर्म के शैक्षिक विचार वर्तमान संदर्भ में पूर्णतः प्रासंगिक है। गौतम बुद्ध द्वारा प्रतिपादित बोद्धधर्म सम्पूर्ण मनुष्य जाति के कल्याण के लिए है। बुद्ध ने ज्ञानप्राप्ति के बाद जिस प्रकार संसार के दुखों को पहचाना और दुःखों से छुटकारा पाने का जो मार्ग सुझाया वह बौद्ध धर्म की एक अद्वितीय उपलब्धि थी। बताए गये मार्ग का अनुसरण कर यह सम्पूर्ण मानव समाज जो दुःखों से त्रस्त है, उनसे छुटकारा पर सकता है। वेदों की वर्णव्यवस्था के संदर्भ में बुद्ध कहते है कि केवल ब्राह्मण ही स्वर्ग मंे सुख भोग के सुयोग्य पात्र नही होते, वरन् पुण्य कर्मो द्वारा क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र भी स्वर्ग के अधिकारी हो सकते है। वर्ण व्यवस्था एवं छुआछूत को कम करने में बौद्ध धर्म बहुत सहायक सिद्ध हुआ है। उपर्युक्त बौद्ध धर्म के क्रान्तिकारी विचारों के परिणामस्वरूप आज की शिक्षा व्यवस्था में जनशिक्षा का प्रदुर्भाव हुआ है। अतः बौद्धधर्म के जनशिक्षा सम्बन्धी विचार आज के संदर्भ मंे पूर्णतः प्रासंगिक है।

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Published

2018-03-30

How to Cite

कुमार म. (2018). बोद्धधर्म का वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव एवं सार्थकता. Universal Research Reports, 5(4), 234–239. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/756

Issue

Section

Original Research Article