महात्मा गाँधी की बुनियादी-शिक्षा का विश्लेषणात्मक अध्धयन

Authors

  • चन्दर

Keywords:

बुनियादी-निक्षा, बेरोजगारी

Abstract

वर्तमान में हम देखते हैं कि आज के समय में नवयुवाओं के पास अनेक तरह की डिग्रियाँ हैं , परन्तु रोजगार नहीं है | अत: गांधी जी ने बहुत वर्ष पहले ही इस बेरोजगारी की समस्या की ओर संकेत करके बुनियादी-शिक्षा के अन्तर्गत “उद्योग पर आधारित शिक्षा” पर बल देते हुए कहा था कि – “बालक किसी न किसी हस्त-शिल्प को सीखकर आत्मनिर्भर बन सके तथा बेरोजगारी से मुक्ति पा सके |” अत: गांधी जी की बातों को याद करके वर्तमान में व्यावहारिक-शिक्षा तथा व्यावसायिक-शिक्षा प्राप्ति पर अधिक बल दिया जा रहा है | गांधी जी बालकों में मानवीय गुणों का विकास करने पर बल देते थे | गांधी जी ने करके सीखने की विधि पर अधिक बल देते हुए इसे सीखने की सर्वोत्तम विधि बताया है | उन्होंने सर्वगुण-सम्पन्न एवं दोष-रहित समाज-निर्माण की कल्पना की थी , जो इस शिक्षा के बिना अधूरी है |

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निर्ीन्न समाचार-पत्र ि पनत्रकाएाँ |

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Published

2018-06-30

How to Cite

चन्दर र. (2018). महात्मा गाँधी की बुनियादी-शिक्षा का विश्लेषणात्मक अध्धयन. Universal Research Reports, 5(5), 197–201. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/811

Issue

Section

Original Research Article