राजनीतिक विकास की व्याख्या
Keywords:
विधातयका, कायवपाशलकाAbstract
राजनीतिक विकास की अवधारणा एक जटिल अवधारणा है। इसका कोई सर्वमान्य व सामान्य अर्थ निकालना असम्भव है। राजनीतिक विकास को साधारण तौर पर विकास की अवधारणा से सम्बन्धित करके यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ना ही राजनीतिक विकास है इस अर्थ में यह प्रगति का सूचक है इसे राजनीतिक परिवर्तन भी कहा जाता है। राजनीतिक विकास की व्याख्या अनेक विद्वानों ने अलग-अलग ढंग से दी है रुपर्ट व एमर्सन इसे आर्थिक विकास की पूर्व शर्त के रूप में लेते हैं। कुछ विचारक इसे औद्योगिक समाजों की राजनीति से जोड़ते हैं। अधिकतर राजनीतिक विद्वान इसका सम्बन्ध आधुनिकीकरण से बताते हैं। कुछ इसका अर्थ राष्ट्र राज्य तो कुछ प्रशासनिक एवं कानूनी विकास से जोड़ते हैं। प्रजातन्त्रवादी विचारक इसे लोकतन्त्र का पर्याय तथा यथास्थितिवादी विचारक इसे स्थायित्व तथा सुव्यवस्थित परिवर्तनों का नाम देते हैं। कुछ विद्वान इसे एक प्रवृत्ति और एक दिशा के रूप में देखते हैं तो कुछ इसे शक्ति व संघटन के रूप में। वास्तव में विकास को सामाजिक परिवर्तन से जोड़कर ही राजनीतिक विकास को समझने पर अधिकांश विद्वान जोर देने लगे हैं। यह राजनीतिक विकास का एक व्यापक दृष्टिकोण समझा जाता है। इस दष्टिकोण से राजनीतिक विकास राजनीति विज्ञान की एक गत्यात्मक अवधारणा है। इस अवधारणा का सबसे पहले व्यवस्थित व वैज्ञानिक विश्लेषण लूशियन पाई ने अपनी पुस्तक 'Aspects of Political Development' में किया है।
References
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