नई कहानी आंदोलन का हिंदी साहित्य पर प्रभाव
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https://doi.org/10.36676/urr.v11.i2.1538Keywords:
हिंदी साहित्य, नई कहानी आंदोलनAbstract
नई कहानी आंदोलन हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण साहित्यिक परिवर्तन था, जिसने हिंदी कहानी लेखन को नया आयाम दिया। यह आंदोलन 1950 के दशक के बाद उभरा और परंपरागत कथा लेखन से हटकर सामाजिक, मानवीय और मनोवैज्ञानिक विषयों को प्रमुखता दी। नई कहानी लेखकों ने सरल भाषा और सहज शैली का प्रयोग करते हुए जीवन की जटिलताओं, व्यक्तित्व के अंतर्मन और यथार्थवादी चित्रण को प्रस्तुत किया। इस आंदोलन ने हिंदी साहित्य में पात्रों की गहराई, कथानक की सूक्ष्मता और सामाजिक यथार्थ का प्रभावशाली समावेश किया। नई कहानी ने हिंदी साहित्य को आधुनिकता की ओर अग्रसर किया और आलोचना, चिंतन एवं सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया। इस सारांश में नई कहानी आंदोलन के उद्भव, उसके प्रमुख लेखक, शैलीगत विशेषताएँ और हिंदी साहित्य पर इसके स्थायी प्रभावों का संक्षिप्त वर्णन किया गया है।
References
• मुरलीधर शर्मा "नई कहानी आंदोलन और हिंदी साहित्य", साहित्यिक आलोचना, 2010
• राजेंद्र यादव, "नई कहानी", प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
• निर्मल वर्मा, "आसपास", हिंदी साहित्य सम्मेलन
• मन्नू भंडारी, "महाजनी", साहित्य अकादमी
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