ब्रिटिश काल के दौरान भारत में विभिन्न शिक्षा नीतियाँ एवं आयोग : एक समीक्षा
Keywords:
शिक्षा नीतियाँ, एशयाटिक सोसाइटी, वारेन हेस्टिंग्स, प्राच्य विद्याAbstract
सर्प्रवथम 1781 ई. में बंगाल के गवर्नर -जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने फारसी एवं अरबी भाषा के अध्ययन के लिए कलकत्ता में एक मदरसाखुलवाया। 1784 ई. में वारेन हेस्टिंग्स के सहयोगी सर ब्रिब्रलयम जोन्स ने 'एशयाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल' की स्थापना की, जिसने प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन हेतु महतवपूर्ण प्रयास किया। 1791 ई. में ब्रिटिश रेजिडेंट डंकन ने बनारस में एक संस्कृत ब्रिद्यालय की स्थापना करवाई । प्राच्य विद्या के क्षेत्र में किये गये ये शुरुआती प्रयास सफल नहीं हो सके। ईसाई मिशनरियों ने कम्पनी सरकार के इस प्रयास की आलोचना की और पाश्चात्य साहित्साय के विकास पर बल दिया।
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Published
2017-09-30
How to Cite
Devi, B. (2017). ब्रिटिश काल के दौरान भारत में विभिन्न शिक्षा नीतियाँ एवं आयोग : एक समीक्षा. Universal Research Reports, 4(6), 98–101. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/199
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Original Research Article