दलित चेतना एवं दलित विमर्श : अंतर एवं अंतर्संबंध

Authors

  • अनीता प्राथमिक शिक्षिका , राजकीय प्राथमिक पाठशाला , हरिजन बस्ती, जीन्द ( हरियाणा)।

Keywords:

दलित चेतना, साहित्य , सामाजिक यथार्थ

Abstract

साहित्य  केवल सामाजिक यथार्थ  का मनरूपक ही नही है बल्कि वैचारिक क्रांति  का वाहक भी है। समय समय  पर हुए दलित साहित्य से सम्बंधित  विमर्श  ने उसका स्वरूप निर्धारित  करने का प्रयास कीया है। हिंदी में  दलित  साहित्य के प्रादुर्भाव  से पहले ही दलित  विमर्श की प्रकिर्या विधमान  थी। 

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Published

2017-12-30

How to Cite

अनीता. (2017). दलित चेतना एवं दलित विमर्श : अंतर एवं अंतर्संबंध. Universal Research Reports, 4(7), 109–113. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/226

Issue

Section

Original Research Article