शंकर शेष के नाटकों की मंचीय संप्रेषणीयता

Authors

  • अनीता प्राथमिक शिक्षिका , राजकीय प्राथमिक पाठशाला , हरिजन बस्ती, जीन्द ( हरियाणा)।

Keywords:

नाटक ं की मंचीय संप्रेषणीयता, मंचीय संप्रेषणीयता

Abstract

हिंदी के समकालीन प्नारयोगधर्टमी नाटककारों की परम्परा में शंकर शेष का विशिष्ठ स्थान है। उनके अधिकांश  नाटक चर्चित  रहे हैं। आधुनिक बोध के साथ-साथ उनके नाटकों में रंगमंचीय व्यवस्था भी है।

References

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Published

2017-12-30

How to Cite

अनीता. (2017). शंकर शेष के नाटकों की मंचीय संप्रेषणीयता. Universal Research Reports, 4(7), 114–121. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/227

Issue

Section

Original Research Article