प्राणायाम के प्रकार एवं शरीर पर प्रभाव : एक अध्ययन

Authors

  • Vikram M.A. Yoga, Department of Yoga, CRSU, Jind
  • Virender Kumar Assistant Professor, Department of Yoga, CRSU, Jind

Keywords:

प्राणायाम, श्वास, सचेतन मार्गदर्शन

Abstract

प्राणायाम श्वास का सचेतन और जान-बूझकर किया गया नियंत्रण और विनयमन है (प्राण का अर्थ है श्वास और आयाम का अर्थ है नियंत्रण करना, विनयमन ) हर श्वास में हम न केवल आक्सीजन ही प्राप्त करते हैं अवितु प्राण भी। प्राण ब्रह्माण्ड में व्याप्त उर्जा  है, विश्व की  वह शक्ति है  जो सृक्टि-सृजन, संरक्षण और परिवर्तन  करती है। यह जीवन और चेतनता का मूल तत्व है। प्राण भोजन में भी मिलता है, और इसी लिए  स्वस्थ और  शाकाहारी खाद्य पदार्थ  ग्रहण करना अनत महत्त्वपूर्ण  है। प्राणायाम शरीर में प्राण का सचेतन मार्गदर्शन, पौष्टिकता , शारीररक विषहीनता और सुधरी रोग-ननरोधक शक्क्त में वृद्धध करता है, और उसी के सार्-सार् आन्तररक शांनत, तनावहीनता व मानमसक स्िटिता भी प्रदान करता है।

References

सरल योगासन : डॉ इश्वर भारद्वाज

आसन प्राणायाम : देवव्रत आचायथ

आसन, प्राणायाम एवं मुरा बंध : स्वामी सत्यानन्द

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Published

2017-12-30

How to Cite

Vikram, & Kumar, V. (2017). प्राणायाम के प्रकार एवं शरीर पर प्रभाव : एक अध्ययन . Universal Research Reports, 4(8), 87–90. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/256

Issue

Section

Original Research Article