भारत का आधुनिक इतिहास: एक विवेचना

Authors

  • Kamat S

Keywords:

आधुनिक इनतहास, प्रगनत

Abstract

आधुनिक इतिहास हमारे वर्तमान समय की परिस्थितियों का सामान्य वर्णन माना जा सकता है। इन परिस्थितियों को आधुनिकता का नाम दिया गया है । फ्रांसीसी सांस्कृतिक आलोचक जीन फ्रैकों लियोटार्ड ने आधुनिक इतिहास के स्वरूप की व्याख्या करते हुए इसे भव्य और प्रतिष्ठित वृतातों को नकारने वाली परिस्थिति माना है। प्रबोधन काल से ही पश्चिमी जगत में मानव प्रगति का वर्णन करने के लिये इन वृतातों का सहारा लिया गया। हमारे आज के आधुनिक युग में इस आधुनिक इतिहास या प्रबोधनकाल के सांस्कृतिक उत्पाद के खिलाफ या प्रगति की धारणा के विरूद्ध एक प्रतिक्रिया के रूप में जो बौद्धिक धारा उपजी है उसी का नाम आधुनिकतावाद है। कुछ बौद्धिक क्षेत्रों में स्वयं आधुनिक इतिहास ने अपनी कमियों को चुनौती देनी शुरू कर दिया है। इतिहास के छात्रों के लिये यह महत्वपूर्ण है कि आधुनिक इतिहास का हमारे लिये क्या महत्व है? आधुनिकतावाद ने प्रबोधन काल से स्थापित प्रगति की धारणा को चुनौती देकर प्रगति के विचार पर आधारित हमारी चिर-परिचित धारणाओं, हमारे समझदारी के आधारभूत पहलुओं, सामाजिक अस्तित्व और अर्थ पर भी सवाल खड़े किये हैं। सामान्य इतिहासकार इन धारणाओं का सहारा ले रहे थे।

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Published

2017-12-30

How to Cite

Kamat, S. (2017). भारत का आधुनिक इतिहास: एक विवेचना. Universal Research Reports, 4(11), 76–81. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/344

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Original Research Article