भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन पर विवेचना

Authors

  • Kamat S

Keywords:

भारत, विदेशी व्यपार, पुर्तगाली जलमार्ग, फ्रांसीसी

Abstract

भारत की अकूत संपदा से आकर्षित होकर विभिन्न यूरोपीय जातियाँ समय-समय पर आती रहीं । परंतु 15वीं शताब्दी में कुछ महत्वपूर्ण भौगोलिक खोजों के पश्चात यह प्रक्रिया काफी तेज हो गयी  । कालांतर में विभिन्न यूरोपीय देशों की कंपनियों ने व्यापार के उद्देश्य से भारत में प्रवेश किया । सर्वप्रथम पुर्तगाली जलमार्ग होते हुए भारत आये, उनके बाद क्रमशः डच, ब्रिटिश और फ्रांसीसी भारत आये। जल्द ही भारत के समुद्र के निकटवर्ती और समुद्री इलाकों व सामुद्रिक व्यापर पर यूरोपियों का एकाधिकार हो गया। 15 वीं शताब्दी के समापन के वर्षों में, पुर्तगाली खोजकर्ता वास्कोडीगामा दक्षिण भारत के कालीकट पहुंचे थे। तब से, फ्रांसीसी, डच और बाद में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने भारत में खूब धन कमाया । 18 वीं शताब्दी तक, भारत में ब्रिटिश साम्राज्य ने अपना वर्चस्व पहले ही स्थापित कर लिया था । विशाल भारतीय क्षेत्र के  स्वतंत्र शासकों में एकता की व्यापक कमी का अंग्रेजों ने भरपूर लाभ उठाया |

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Published

2017-12-30

How to Cite

Kamat, S. (2017). भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन पर विवेचना. Universal Research Reports, 4(11), 82–86. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/345

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Original Research Article