स्ववित्तपोषित एवं सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों के पुरुष एवं महिला शिक्षक प्रशिक्षकों की कार्य-संतुष्टि का तुलनात्मक अध्ययन
Keywords:
स्ववित्तपोषित, सरकारी, शिक्षक-प्रशिक्षकAbstract
किसी भी राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली की सफल्ता उसके शिक्षकों पर निर्भर करती है, क्योंकि शिक्षक ही सम्पूर्ण शिक्षण प्रक्रिया का संवाहक है। अतः शिक्षा की गुणवत्ता एवं उन्नयन की दृष्टि से शिक्षकों का प्रशिक्षित होना अनिवार्य हो जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) ने शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्ववित्तपोषित संस्थानों को सौंपने की सिफारिश की जिसके पक्ष में यह तर्क था कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए अधिक विद्यार्थियों को प्रवेश की सुविधा एवं रोजगार मिलेगा। प्रशिक्षण संस्थानों को आर्थिक लाभ होगा तथा आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित अध्यापकों की पूर्ति हो सकेगी, लेकिन सरकारी सहायता प्राप्त तथा स्ववित्तपोषित संस्थानों में कार्यरत् पुरुष एवं महिला शिक्षक-प्रशिक्षकों की कार्य-संतुष्टि का स्तर भिन्न-भिन्न होता है। इसी का अध्ययन करने हेतु शोधार्थी ने उक्त विषय का चयन किया। तद्हेतु 9 सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों तथा 11 स्ववित्तपोषित संस्थानों के 180 शिक्षक प्रशिक्षकों (पुरुष एवं महिला) का चयन यादृच्छिकी चयन विधि द्वारा किया। सांख्यिकीय विश्लेषण हेतु ‘टी’ परीक्षण का प्रयोग किया। संकलित आंकड़ों के विश्लेषण से सरकारी सहायता प्राप्त एवं स्ववित्तपोषित संस्थानों के पुरुष एवं महिला शिक्षक-प्रशिक्षकों की कार्य-संतुष्टि में सार्थक अन्तर प्राप्त हुआ।
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