छात्रों युवा बच्चों में शैक्षणिक उपलब्धि में आत्म-प्रभावकारिता की भूमिका

Authors

  • कुमारी

Keywords:

ववद्यालय वातावििा, छात्र समायोजन

Abstract

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां पर शिक्षार्थियों को शिक्षा दी जाती है ताकि छात्रों में बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास हो सकें। साथ ही वातावरण का प्रभाव बालक के शारीरिक विकास पर भी पड़ता है। विद्यालय एक ऐसा स्थान है जो चहारदीवारी के बाहर बृहद समाज का प्रतिबिंब है। इस प्रकार विद्यालय का पूरा वातावरण शिक्षार्थी के भविष्य एवं उसके निर्माण कि एक भट्टी के रूप में तैयार की गई एक पद्धति है। जहां पर बालकों का सर्वांगीण विकास होता है। इसमें प्रयाः शिक्षा के अतिरिक्त विभिन्न कौशलों का भी विकास होता है। जिससे कि छात्रों में सामाजिक एवं आर्थिक चेतनाओं की वृद्धि हो सके। जिसमें वाद-विवाद, खेलकूद, जिमनास्टिक एवं अन्य प्रशिक्षण कौशलों को रखा जाता है।

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Published

2022-06-30

How to Cite

कुमारी प. (2022). छात्रों युवा बच्चों में शैक्षणिक उपलब्धि में आत्म-प्रभावकारिता की भूमिका. Universal Research Reports, 9(2), 18–27. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/971

Issue

Section

Original Research Article