सुधार आंदोलनों से अंधविश्वास के स्थान पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उदय

Authors

  • Pardeep Kumar Research Scholar, MDU,Rohtak, V.P.O.- Hamirgarh Distt.-Jind (Haryana).INDIA

Keywords:

स्वामी विवेकानन्द, प्रथा, अन्धविश्वास, राजा राम मोहन राय

Abstract

भारत मे अन्धविश्वास तथा बाहय अडम्बर बुद्ध काल मे थे। जिसके कारण पशुओं की बलि दी जाती थी। फिर मध्यकाल मे अन्धविश्वासो को भक्ति तथा सुफी आन्दोलनो ने समाप्त करने  का कुछ हद तक प्रयास किया था। लेकिन  17 वीं 18 वीं शताब्दी मे समाज में  हर जगह अन्धविश्वास जाति प्रथा, बलि प्रथा, दहेज प्रथा, सती प्रथा, शिशु वध प्रथा, कन्या वध, इत्यादि
कई तरह के अन्धविश्वास तथा कई गलत प्रथाएं थी। यह सच है कि अंग्रेजो ने भारत का बहुत अभिशोषण किया लेकिन  उन्होने भारत मे कई आर्थिक सुधार भी किए। पुर्नजागरण के कारण पच्छिम यूरोप मे लोगो मे जागृति पैदा हो गई थी। अब वह अन्धविश्वास से उपर उठकर मानवतावादी तथा प्रत्येक चीज मे विज्ञानिक दृष्टिकोण से देखते थे। इसके कारण उन्होने पूरे विश्व मे अन्धविश्वास के स्थान पर विज्ञानिक दृष्टिकोण को बढावा दिया। उनमे शिक्षा विद्वान राजा राम मोहन राय, दयानन्द सरस्वती, स्वामी विवेकानन्द ने भी भारतीय संस्कृति में  अन्धविश्वासो को समाप्त करने के  लिए आन्दोलन किए।

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Published

2017-09-30

How to Cite

Kumar , P. (2017). सुधार आंदोलनों से अंधविश्वास के स्थान पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उदय. Universal Research Reports, 4(5), 26–33. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/169

Issue

Section

Original Research Article