योग का महत्व और लाभ : एक विचार
Keywords:
योग, महत्व, आध्याक्त्मकAbstract
योग का सच्चा सार हमारी जीवन शक्ति को ऊपर उठाने के आसपास घूमता हैं या फिर रीढ़ की हड्डी के पास स्थित ‘कुं डलिनी’ को जागृि करने में। इसे शारीरिक और मानसिक अभ्यासों की श्रृंखला के माध्यम से प्राप्त करना होता हैं। शारीरिक स्तर पर इस पद्धति में विभिन्न योग मुद्राएँ या ‘आसन’ शामिल हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य शरीर को स्वस्थ रखना हैं। मानसिक तकनीक में मन को अनुशासित करने के लिए श्वसन व्यायाम या ‘प्राणायाम’ और मैडडटेशन या ‘ध्यान’ शामिल हैं।
References
Patañjali (2001). Yoga Sutras of Patañjali.
सरथविी, थवामी सत्यानन्दा. नवुंबर 2002 (12 वें सुंथकरण)। "आसन प्राणायाम म द्रा बुंधा
Vivekananda, Swami (1994). Raja Yoga. Calcutta: Advaita Ashrama Publication Department.
Downloads
Published
2017-12-30
How to Cite
Kumar, P., & Beniwal, A. (2017). योग का महत्व और लाभ : एक विचार. Universal Research Reports, 4(8), 39–40. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/244
Issue
Section
Original Research Article