प्राकृतिक संसाधन: अर्थ और वर्गीकरण
Keywords:
अस्तित्व, आदिकालAbstract
मानव जीवन का अस्तित्व, प्रगति एवं विकास संसाधनों पर निर्भर करती है । आदिकाल से मनुष्य प्रकृति से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ प्राप्त कर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता रहा है। वास्तव में संसाधन वे हैं जिनकी उपयोगिता मानव के लिये हो । कोई भी जैविक एवं अजैविक पदार्थ तब तक संसाधन नहीं बन सकता, जब तक वह मानव के लिये उपयोगी न हो, अर्थात् वे पदार्थ या वस्तुएँ या ऊर्जा जो मानव की सहायता के लिये या किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिये प्रयोग किये जाते हैं, संसाधन कहलाते हैं । संसाधनों के साथ उनकी उपयोगिता एवं कार्यात्मकता जुड़ी हुई है ।
References
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