प्राकृतिक संसाधन: अर्थ और वर्गीकरण

Authors

  • Pinki

Keywords:

अस्तित्व, आदिकाल

Abstract

मानव जीवन का अस्तित्व, प्रगति एवं विकास संसाधनों पर निर्भर करती है । आदिकाल से मनुष्य प्रकृति से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ प्राप्त कर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता रहा है। वास्तव में संसाधन वे हैं जिनकी उपयोगिता मानव के लिये हो । कोई भी जैविक एवं अजैविक पदार्थ तब तक संसाधन नहीं बन सकता, जब तक वह मानव के लिये उपयोगी न हो, अर्थात् वे पदार्थ या वस्तुएँ या ऊर्जा जो मानव की सहायता के लिये या किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिये प्रयोग किये जाते हैं, संसाधन कहलाते हैं । संसाधनों के साथ उनकी उपयोगिता एवं कार्यात्मकता जुड़ी हुई है ।

References

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Published

2018-06-30

How to Cite

pinki. (2018). प्राकृतिक संसाधन: अर्थ और वर्गीकरण. Universal Research Reports, 5(6), 114–117. Retrieved from https://urr.shodhsagar.com/index.php/j/article/view/847

Issue

Section

Original Research Article

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